عبادات >> صوم (روزہ )
سوال نمبر: 178588
جواب نمبر: 178588
بسم الله الرحمن الرحيم
Fatwa ID: 804-645/D=09/1441
रोज़ा की हालत में जान बूझ कर कुछ खाना पीना या बीवी के साथ हमबिस्तरी करना इस से रोज़ा टूट जाता है और क़ज़ा के साथ 60 रोज़े कफ्फारे के भी वाजिब होते हैं।
और अगर ग़लती से मुंह ह़लक़ के अंदर पानी चला गया तो इस से सिर्फ क़ज़ा वाजिब होती है कफ्फारा नहीं, इनके अलावा रोज़ा टूटने की बहुत सी सूरतें हैं जिन में सिर्फ क़ज़ा वाजिब होती है।
कुछ चीज़ें बतौर मिसाल लिखी जा रही हैं। “जिन चीज़ों से सिर्फ क़ज़ा वाजिब होती है” कुल्ली करते वक़्त ह़लक़ में पानी चला जाना, नाक या कान में दवा डालना, लोबान या अगरबत्ती की धूनी जान बूझ कर सूँघना, बीड़ी, सिगरेट, हुक़्क़ा पीना, जिस थूक में खून का हिस्सा ज़्यादा हो उसको निगल जाना, ग़ुरूबे अफताब (सूरज डूबने) से पहले ग़लती से इफ्तार कर लेना, फजर तुलूअ् (फजर का वक़्त शुरू) हो जाने के बाद ग़लती से सहरी खा लेना (इन चीज़ों से रोज़ा टूट जाता है मगर सिर्फ क़ज़ा वाजिब होती है कफ्फारा नहीं)। इनके अलावा अगर किसी खास सूरत का हुक्म मालूम करना है तो उसे साफ तौर पर लिख कर मालूम करें।
واللہ تعالیٰ اعلم
دارالافتاء،
دارالعلوم دیوبند