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    Question ID: 400053Country: India

    Title: कसर नमाज़ के बारे में

    Question: अगर हम कहीं 100 किलोमीटर जाते हैं और हमारा इरादा वहाँ 15 दिन से ज़्यादा रुकने का है लेकिन उसी दरमियान में हमारा इरादा वहाँ से 40-50 किलोमीटर जाकर एक या दो रात रुक कर फिर वहीं वापस आने का है जहां हम 15 दिन से ज़्यादा के लिए गए हैं। तो क्या हम पर वहाँ नमाज़ कसर होगी या पूरी पढ़नी पड़ेगी। जवाब इरसाल फरमाऐं, मेहरबानी होगी।

    Answer ID: 400053Posted on: 30-Dec-2020

    Fatwa ID: 315-327/L=05/1442

     

    पूछे गए सवाल के अनुसार अगर आप 100 किलोमीटर दूर जा कर वहाँ 15 दिन के रुकने की नीय्यत कर लेते हैं और फिर वहाँ से 40-50 किलोमीटर दूर जा कर एक या दो रात रुकते हैं तो आप वहाँ इत्माम करेंगे यानी पूरी नमाज़ पढ़ेंगे क़स्र नहीं करेंगे; क्योंकि जहाँ आपने 15 दिन से ज़्यादा रुकने की नीय्यत की है वो आपके हक़ में वतन-ए-इक़ामत है और वतन-ए-इक़ामत सफ़र-ए-शरई यानी वहाँ से सवा सतहत्तर (77.25) किलोमीटर के इरादे से निकलने से बातिल होता है, इस से कम मसाफ़त सफ़र करने से बातिल नहीं होता।

    (.... و) يبطل (وطن الإقامة بمثله و) بالوطن (الأصلي و) بإنشاء (السفر) والأصل أن الشيء يبطل بمثله، وبما فوقه لا بما دونه . (الدر المختار وحاشية ابن عابدين (ردالمحتار) 2/132)

    Darul Ifta,

    Darul Uloom Deoband, India