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    Question ID: 400178Country: India

    Title: बैंक कर्ज

    Question: मेरे भाई ने मेरे वालिद साहब के जरिये से बैंक कर्ज लिया है। जिसमें से कुछ मेरे पास दिया है। यह बैंक सूदी कर्ज देता है। इस माल का क्या किया जाऐ।

    Answer ID: 400178Posted on: 02-Feb-2021

    Fatwa ID: 493-126T/SN=06/1442

     

    सूदी क़र्ज़ के तौर पर ली हुई रक़म का हुक्म

     

    बगैर सख्त ज़रूरत के सूद पर क़र्ज़ लेना शरअन जाइज़ नहीं है, अगर आपके वालिद और भाई ने ऐसा किया है तो उन्होंने एक नाजाइज़ काम किया है, उन पर ज़रूरी है कि तौबा व इस्तिग़फार करें, नींज़ जितनी जल्द हो सके क़र्ज़ अदा करके ज़िम्मा फारिग़ करलें, रही वो रक़म जो क़र्ज़ के तौर ली गई है तो वो चूंकि हक़ीक़त में “क़र्ज़” है (चाहे उसके साथ नाजाइज़ शर्त यानी सूद की अदायगी लगी हुई है) और क़र्ज़ की रक़म का आदमी मालिक हो जाता है; इस लिए पूछे गए सवाल में उस रक़म के इस्तेमाल की गुंजाइश है; लिहाज़ा अगर आपके भाई या वालिद ने उस रक़म में आपको कुछ दिया है तो आप अपनी ज़रूरियात में उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

    الَّذِينَ يَأْكُلُونَ الرِّبَا لَا يَقُومُونَ إِلَّا كَمَا يَقُومُ الَّذِي يَتَخَبَّطُهُ الشَّيْطَانُ مِنَ الْمَسِّ ذَلِكَ بِأَنَّهُمْ قَالُوا إِنَّمَا الْبَيْعُ مِثْلُ الرِّبَا وَأَحَلَّ اللَّهُ الْبَيْعَ وَحَرَّمَ الرِّبَا فَمَنْ جَاءَهُ مَوْعِظَةٌ مِنْ رَبِّهِ فَانْتَهَى فَلَهُ مَا سَلَفَ وَأَمْرُهُ إِلَى اللَّهِ وَمَنْ عَادَ فَأُولَئِكَ أَصْحَابُ النَّارِ هُمْ فِيهَا خَالِدُونَ (275) يَمْحَقُ اللَّهُ الرِّبَا وَيُرْبِي الصَّدَقَاتِ الآية. [البقرة: 275-276]

    لعن رسول الله – صلى الله عليه وسلم – آكل الربا، ومؤكله، وكاتبه، وشاهديه، وقال: هم سواء. (صحيح مسلم، رقم: 1598، باب لعن آكل الربا ومؤكله)

    नींज़ देखें : इम्दादुल फतावा : 3/169, सवाल : 223, प्रकाशित : मकतबा ज़करिया, देवबन्द)

    Darul Ifta,

    Darul Uloom Deoband, India